रायपुर : वाणिज्य कर मंत्री टीएस सिंहदेव ने बोले : केंद्र सरकार को बहुमत का अहंकार, प्रदेश में जीएसटी हटाने की दी चेतावनी
रायपुर। कोरोना संक्रमण काल में जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के बीच तनाव बढ़ गया है। एक दिन पहले जीएसटी परिषद की बैठक में क्षतिपूर्ति राशि की मांग करने के बाद अब वाणिज्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र पर अर्थव्यवस्था और संवैधानिक संरचना से खिलवाड़ा का आरोप लगाते हुए जीएसटी से बाहर निकलने की चेतावनी दे दी है।
जीएसटी की संरचना में उत्पाद निर्माता राज्य व उपभोक्ता राज्यों के बीच सामंजस्य बनाना था लेकिन बहुमत के अहंकार में केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था व संवैधानिक संरचना से खिलवाड़ कर रही है।
यह नीतियाँ संघीय ढांचे पर आघात हैं और इस धारणा से राज्य जीएसटी से बाहर निकलने के लिए मजबूर होंगे।
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) August 28, 2020
छत्तीसगढ़ के वाणिज्यकर मंत्री टीएस सिंहदेव ने शुक्रवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। सिंहदेव ने लिखा, जीएसटी की संरचना में उत्पाद निर्माता राज्य व उपभोक्ता राज्यों के बीच सामंजस्य बनाना था, लेकिन बहुमत के अहंकार में केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था व संवैधानिक संरचना से खिलवाड़ कर रही है। यह नीतियां संघीय ढांचे पर आघात हैं।
मंत्री सिंहदेव ने लिखा, आज केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था की बदहाली के लिए कोविड-19 की बात करती है, लेकिन देश की जनता यह भली-भांति जानती है कि इससे पहले भी पेट्रोल-डीजल से लेकर हर सेक्टर में अर्थव्यवस्था की क्या दशा थी। इन सभी से केंद्र को जो कर मिला उसका लाभ न उपभोक्ताओं को और न ही राज्य को प्राप्त हुआ है। केंद्र सरकार को जीएसटी क्षतिपूर्ति राज्यों को शीघ्र प्रदान करनी चाहिए।
आज केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था की बदहाली के लिए #Covid19 की बात करती है लेकिन देश की जनता यह भलीभाँति जानती है कि इससे पहले भी पेट्रोल-डीज़ल से लेकर हर सेक्टर में अर्थव्यवस्था की क्या दशा थी।
इन सभी से केंद्र को जो कर मिला उसका लाभ न उपभोक्ताओं को और न ही राज्य को प्राप्त हुआ है।
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) August 28, 2020
उन्होंने कहा, राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति प्रदान करना केंद्र सरकार का दायित्व है और वर्तमान में असक्षम नजर आ रही है। केंद्र को स्वयं ऋण लेकर राज्यों को क्षतिपूर्ति प्रदान करनी चाहिए। जीएसटी का उद्देश्य ‘एक राष्ट्र एक कर’ था। सभी राज्यों ने क्षतिपूर्ति प्रदान करने के आधार पर सहमति दी थी, लेकिन वर्तमान में बहुमत के अहंकार में भाजपा अनैतिक निर्णय कर राज्यों पर दबाव बना रही है।